नई दिल्ली, 24 अगस्त 2025: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाई है। ओडिशा के तट पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने Integrated Air Defense Weapon System (IADWS) का पहला सफल परीक्षण किया। यह मल्टीलेयर एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन के हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है और इसके सफल परीक्षण ने भारत की सैन्य क्षमता को नए स्तर पर पहुंचा दिया है।
Integrated Air Defense Weapon System क्यों है खास?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर तस्वीर शेयर करते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि Integrated Air Defense Weapon System (IADWS) पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है और इसमें कई परतों वाला सुरक्षा कवच शामिल है।
इसमें शामिल हैं:
- Quick Reaction Surface to Air Missile (QRSAM) – जो तुरंत प्रतिक्रिया देकर दुश्मन की मिसाइलों को निशाना बना सकती है।
- Very Short Range Air Defense System (VSHORADS) – जो नजदीकी हवाई खतरों को खत्म करने में सक्षम है।
- Directed Energy Weapon (DEW) – एक लेजर आधारित आधुनिक हथियार, जो हवा में दुश्मन के फाइटर जेट और मिसाइलों को जला सकता है।
DRDO ने दी जानकारी
डीआरडीओ ने कहा कि Directed Energy Weapon (DEW) इस सिस्टम का सबसे क्रांतिकारी हिस्सा है। यह लेजर जैसी ऊर्जा का प्रयोग कर लक्ष्य को हवा में ही ध्वस्त कर सकता है। DRDO ने इस कामयाबी के लिए अपने वैज्ञानिकों और भारतीय सशस्त्र बलों को बधाई दी और कहा कि यह परीक्षण भारत की “बहु-स्तरीय एयर डिफेंस क्षमता” को प्रमाणित करता है।
Integrated Air Defense Weapon System का महत्व
भारत के लिए यह सिस्टम कई कारणों से अहम है:
- यह दुश्मन की मिसाइल और एयरक्राफ्ट को एक से अधिक स्तरों पर रोकने की क्षमता देता है।
- यह रणनीतिक ठिकानों और महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
- लेजर हथियार जैसी आधुनिक तकनीक भारत को रक्षा क्षेत्र में अग्रणी देशों की कतार में खड़ा करती है।
रणनीतिक दृष्टिकोण से बड़ी छलांग
विशेषज्ञ मानते हैं कि Integrated Air Defense Weapon System भारत को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार करेगा। साइबर और ड्रोन वॉरफेयर के इस दौर में, जब दुश्मन का हमला केवल मिसाइल या फाइटर जेट तक सीमित नहीं है, तब यह सिस्टम हर स्तर पर सुरक्षा का आश्वासन देता है।
रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि यह कदम सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) का प्रतीक भी है।
✨ निष्कर्ष:
Integrated Air Defense Weapon System के सफल परीक्षण ने यह साबित कर दिया है कि भारत अब रक्षा तकनीक के मामले में सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक निर्माता और नवाचारकर्ता भी है। DRDO की यह उपलब्धि देश की सुरक्षा कवच को और मजबूत करेगी और आने वाले वर्षों में भारत को हवाई हमलों के खिलाफ अभेद्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।